रविवार, 23 जुलाई 2017

किसान की बेटी....हॉस्टल की पढ़ाई



हफ्ते भर पहले हॉस्टल में एक नई लड़की आयी। उसके पापा किसान हैं। हॉस्टल की दूसरी लड़की ने नई लड़की से पूछा- तुम्हारे पापा क्या करते हैं। नई लड़की ने कहा-मेरे पापा किसान हैं। दूसरी लड़की ने तीसरी लड़की से कहा-पता है...हॉस्टल में जो नई लड़की आयी है उसके पापा किसान हैं। तीसरी ने चौथी से कहा...चौथी ने पांचवी से कहा....इस तरह हॉस्टल की हर लड़की ने एक दूसरे से कहा...जो नई लड़की आयी है उसके पापा किसान हैं।

सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा...लेकिन नई लड़की के आने पर ऐसा ही हुआ जैसे किसान मंगल ग्रह का प्राणी हो और उसकी पुत्री धरती पर हम मनुष्यों के बीच पढ़ाई करने आ गई हो।
फिर दूसरी लड़की ने कहा- बेचारी....पापा किसान हैं तो ये हॉस्टल में सरवाइव कैसे करेगी। पहनने के लिए इसके पास तो अच्छे-अच्छे कपड़े भी नहीं होंगे। बाकी लड़कियों ने भी कुछ इसी तरह के शब्दों से अपना-अपना मुंह खोला। नई लड़की उन्हें टुकुर-टुकुर देखती रही और कुछ नहीं बोली जैसे वह सच में मंगल ग्रह से आयी हो।

पूरे पूर्वांचल की लड़कियां इलाहाबाद पढ़ाई करने के लिए आती हैं। सभी के घर में खेती होती है। कुछ लड़कियों के पापा नौकरी करते हैं और बाहर रहते हैं कुछ के घर से ही ऑफिस जाते हैं लेकिन उनका पुस्तैनी काम किसानी ही है। लेकिन गांव से आने वाली लड़कियों में किसानों के प्रति इतनी घृणा है...उनको लगता है सारा पैसा नौकरी से ही आता है...महज किसानी करने वाले लोगों को अपने बेटियों को बाहर भेजकर पढ़ाने का अधिकार नहीं है। 

आपको क्या लगता है सिर्फ सरकार ही किसानों की दुर्दशा कर रही है। आजकल गांव से बाहर निकलकर पढ़ने वाले लड़के-लड़कियां कभी वापस जाकर किसानी नहीं करना चाहते। घर जाने पर पैर में गीली मिट्टी चिपक जाने से ही उनकी जान आफत में पड़ जाती है। रोजगार न मिलने पर वो बाप से पैसा लेकर दूकान खोल लेंगे या कोई और बिजनेस कर लेगें लेकिन किसानी में बाप का हाथ नहीं बटाते हैं।

हां तो....एक लड़की नई लड़की से बोली...तुम्हें तो गोबर की स्मेल और गाय-भैंसों की आवाज की बहुत याद आती होगी न। देखो तुम्हारे घर में खेती-बारी होती है तो तुम थोड़ा उसी टाइप की होगी भी। मतलब..दुनिया की चीजें तुम्हें पता नहीं होगी....और हां..कभी यहां के मॉल में जाना तो अभी जो कपड़े तुमने पहन रखे हैं इसे पहन कर मत जाना...लोग हंसेंगे तुमपर।

नई लड़की सचमुच काफी समझदार और धैर्यवान थी...उसने अपनी बेइज्जती होने पर एक-एक लड़की से लड़ने की बजाय सिर्फ एक ही जवाब दिया- गोबर तुम लोगों के दिमाग में भरा है और वो सड़ रहा है...महक यहीं से आ रही है....जस्ट ग्रो अप बेब्स। इतना कहकर वह अपने काम में लग गई।

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