सोमवार, 4 जनवरी 2016

इश्क जहर है?



जिंदगी में प्यार कितने दफा होता है उसे नहीं मालूम था। उसका मानना था कि उसकी तरह यह किसी को भी नहीं मालूम होता। प्यार के नाम पर दो-तीन लड़कों ने उसे धोखा दिया था। उसका बदला लेने के लिए उसने दो लड़कों से प्यार का नाटक किया लेकिन नाटक-नाटक में ही सच्चा प्यार हो गया उसे। इस बार जब दोनों लड़कों ने धोखा दिया उसे तो वह अगम कुमार निगम के बेवफाई वाले गाने सुनकर आंसू बहाने लगी। इस दौरान उसने अल्ताफ रजा के भी दुख भरे गाने सुने। गाने की एक-एक लाइन पर उसने इस कदर आसूं बहाए मानों सारे गाने उसके लिए ही लिखे गए हों।
उस शहर से उसका मन ऊब गया था। वो पूरा शहर उसे उन लड़कों की तरह ही बेवफा दिखने लगा। उसे लगा अब एक दिन भी उस शहर में रुकेगी तो वह जीते जी मर जाएगी। उसने उस शहर को छोड़ने का फैसला किया और नए शहर में जा बसी।
इस शहर में रहते हुए उसे सिर्फ इस बात का डर था कि वहां उसे किसी से प्यार ना हो जाए। वह जब भी किसी काम से बाहर निकलती तो किसी लड़के की तरफ देखती न थी। प्यार में जो धोखा उसे मिला था वह अब उसे हर लड़के के चरित्र में दिखने लगा था। वह इन सब चीजों से बाहर निकलना चाहती थी। एक रात उसने अपनी डायरी में मोटे अक्षरों में लिखा इश्क जहर है, उसने इसे खाया लेकिन पूरी तरह से मरी ना ही अब जिंदा है। जब भी वह अपनी डायरी में कुछ लिखने बैठती प्यार, मोहब्बत में धोखा, बेवफाई के अलावा उसकी कलम कुछ और नहीं लिख पाती थी। उसकी मां फोन पर उसे समझाया करतीं कि वह ध्यान किया करे।
मां की बातों से थककर उसने सुबह जल्दी उठकर खुली हवा में टहलने का निर्णय लिया। पहले दिन जब वह टहलने निकली तो रास्ते में एक लड़का अपने घर के गेट पर खड़ा दिखा। उसने लड़के को देखा लेकिन उसका चेहरा नहीं देखा। वह अपना ध्यान तनिक भी उधर लगाए आगे बढ़ गई। अगले दिन सुबह जब वह टहलने निकली तो लड़का फिर से अपनी गेट पर खड़ा दिखा। इस बार उसका चेहरा भी दिख रहा था। उसने उसे किसी सपने की तरह देखा और आगे चल पड़ी। अब सिलसिला शुरू हो चुका था। जब वह सुबह टहलने निकलती तो लड़का कभी गेट पर खड़ा मिलता तो कभी दूसरी तरफ से दौड़ लगाता हुआ उसकी बगल से गुजरता। वह कभी उसे देखकर मुस्कुरा देता।
अब उसे सुबह टहलना ज्यादा अच्छा लगने लगा था और वह शहर भी। उस दिन सुबह जब वह टहलने निकली तो वह लड़का नहीं दिखा। अगले दिन और कई दिन तक नहीं दिखा। वह उसके लिए परेशान थी, हद से ज्यादा परेशान थी। एक सुबह टहलते हुए उसके दिमाग में ख्याल आ रहा था कि क्या वह उस इश्क के लिए परेशान है जो जहर है।

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